मौहब्बत
ये सफर इश्क़ का आखिरी पैगाम है ।
तू जिंदगी में मोहब्बत की हंसी शाम है ।
उसकी मदहोश जवानी के उदास लम्हों में।
मैंने जो देखी लवों पर नयी मुस्कान है ।
इन चिराग़ों को जलाऐ रखना उम्र भर यूंही ।
वो मेरी चाहत की आखिरी पहचान है ।
छोड़कर चले जाएंगे एक दिन ये दुनिया तेरी ।
फिर ये ना सोचना के इश्क़ की दुनिया बिरान है ।
लाख दुनिया हमें कातिल कहे ज़माने बालों ।
कत्ल हम खुद हुऐ ना खून के निशान हैं ।
हमने सीखा है सदा फूलों से मुस्कुराना।
बेवफा ही सही तेरा आशिक अभी नादान है ।
तुझ बिन जीने कीवी तमन्ना कैसे करु ऐ हमसफ़र।
,फूल , तूही मेरे इश्क का आखिरी मकाम है ।।