मौसम
इन आंखो मे बरसात का मौसम न मिलेगा
तुम लौट के आओगे तो सावन न मिलेगा
रोके से रूकेंगे न ये बहते हुये आंसू
जब तक इन्हे आपका दामन न मिलेगा
भीगी हुईपलको से करेगें इन्तजार
हर वक्त खुला दिल का मकान मिलेगा
है यकीं मुझको तेरे करम पे मालिक
मेरी वफा को यार का इनाम मिलेगा