Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2017 · 1 min read

” मौसम “

मौसम भी बड़ा अजीब है !
इसकी फितरत को ,
कौन जान पाया है !!
मौसम कभी गाता है ,
गुनगुनाता है !
कभी खामोश ,
सफेद चादर ओढ़ ,
कंपकंपाता है !
कभी तमतमाकर ,
तपता है , तपाता है !
दहकता है ,
दहकाता है !!
कभी बिखेर देता है खुशबू ,
कभी दिल खोल ,
मुस्कराता है !
कभी भीगता है ,
भिगोता है !
कभी बन्धा बन्धा सा ,
कभी सारे बन्धन ,
खोलता है !
कभी खुशियां बिखेरता है ,
जमीं क्या आसमां ,
सभी को टेरता है !
कभी धुंध , धुएं से ,
घबराकर ,
हो जाता है खामोश !
कभी बारूद , एटमी धमाकों से ,
डरकर ,
खो देता है होंश !
कभी थिरकता है ,
नाचता है !
मन की भाषा ,
बांचता है !
सोचता हूँ ,
आखिर यह सब,
किसके लिए ,
करता है मौसम ?
किससे बन्धी है ,
इसके मन की डोर !
कौन है ,
जो खींचे अपने और !
मौसम बदले तो ,
रंग कौन बदले ?
कौन इसके अनुरूप ढले ?
कौन इसकी सहचरी ,
हाँ हाँ , प्रकृति !
जो परस्पर ,
एक दूसरे के पूरक हैं !
दोनों साथ साथ चलते है !
एक दूजे के अनुरूप ,
रंग बदलते हैं !
जैसे पुरुष – स्त्री !
शिव – शक्ति
मौसम – प्रकृति !!

बृज व्यास

Language: Hindi
310 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
त्रेतायुग-
त्रेतायुग-
Dr.Rashmi Mishra
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
आर.एस. 'प्रीतम'
रैन  स्वप्न  की  उर्वशी, मौन  प्रणय की प्यास ।
रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास ।
sushil sarna
लेखनी का सफर
लेखनी का सफर
Sunil Maheshwari
एक
एक
*प्रणय*
सर्वप्रथम पिया से रंग
सर्वप्रथम पिया से रंग
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिंदगी की कहानी लिखने में
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shweta Soni
हर क्षण का
हर क्षण का
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी भर किया इंतजार
जिंदगी भर किया इंतजार
पूर्वार्थ
नफरत के कारोबारियों में प्यार बांटता हूं।
नफरत के कारोबारियों में प्यार बांटता हूं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
Neelam Sharma
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2736. *पूर्णिका*
2736. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैं तुमसे यह नहीं पूछुंगा कि------------------
मैं तुमसे यह नहीं पूछुंगा कि------------------
gurudeenverma198
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
धर्म पर हंसते ही हो या फिर धर्म का सार भी जानते हो,
धर्म पर हंसते ही हो या फिर धर्म का सार भी जानते हो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
Gouri tiwari
यह रात का अंधेरा भी, हर एक  के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता ह
यह रात का अंधेरा भी, हर एक के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता ह
Annu Gurjar
"मन की खुशी "
DrLakshman Jha Parimal
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
Loading...