मौसम
गुलशन में इश्क़ के अक्सर
हर रंग के ग़ुल मुस्काते है,
ग़म और ख़ुशी के कितने
मौसम आते जाते है l
ज़ुल्फ़ों की घटा मचली
बरसात का पैग़ाम ले ,
हलचल सी मची मन में
तेरी वफ़ा का नाम ले ,
दिल में यूँ हसरतों के
ख़्वाब महफ़िलें सजाते है ,
ग़म और ख़ुशी के कितने
मौसम आते जाते है l