मौसम यह मोहब्बत का बड़ा खुशगवार है
मौसम ये मोहब्बत का बड़ा खुशगवार है।
नजरें बता रही है तुम्हें मुझ से प्यार है।
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मसरूफियत ने कर दिया है दूर आज कल।
यादों में तेरे रहना मेरा रोजगार है।
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कैसे बताएं हाले दिल कैसी है कैफियत।
मिलने को तुमसे दिल ये मेरा बेकरार है।
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क्या होगा आईने की सफाई से बार-बार।
दिल में जफा है चेहरे पे उसके गुबार है।
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दिलकशी में हाथ लगाना ना हुस्न को।
होशियार रहना तुम फूलों में खार हैं।
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हर बात से वाकिफ है,हर पल से बा खबर
तू ही मेरे गुनाहों की तो राजदार है।
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जीते हैं कैसे लोग यहां क्या कहें सगीर।
छोटी सी जिंदगी है मगर गम हजार हैं।
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नजरें बता रही हैं तुम्हें मुझ से प्यार है।
मौसम का भी मिज़ाज बड़ा ख़ुशगवार है।
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मसरूफ़ियत ने छीन लिया काम आज कल।
यादों में तेरी रहना मेरा रोज़गार है।
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कैसे बताऊँ कितना सताती हैं दूरियाँ ।
मिलने को तुमसे दिल ये मेरा बेकरार है ।
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क्या होगा आइने की सफ़ाई से बार-बार।
दिल में ज़फा है चेहरे पे उसके गुबार है.