मौसम बड़ा सुहाना है
माँ चलो बाहर घूमने ,मौसम बड़ा सुहाना है,
रिमझिम रिमझिम बारिश में, दिल हुआ दीवाना है।
नाच रहा है मोर भी देखो,कूंक रही है कोयल प्यारी,
मंडरा रहा फूलों पर भंवरा,जैसे हो कोई मस्ताना है।
बिखरी है सुंदरता धरा पर,चमक रहे हैं पेड़ ये सारे,
ऐसा लगता है धरती ने, पहना हरे रंग का जामा है।
इन्द्रधनुष की अनुपम छटा,मन को है मोहने वाली,
सप्तरंगों से सजा आसमां,सौंदर्य का अनमोल खजाना है।
डोल रहे है काले बादल,मस्त मगन है अपनी धुन में,
ऐसे में हमको माँ, क्यूँ घर के अंदर ही बिठाना है।
मज़ा ले लें हम भी मौसम का,नाचे,गाएं, शोर मंचाये,
वंछित न रह जाएं इस सुख से,यहीं आपको समझाना है।
By:Dr Swati Gupta