मौसम बा मनभावन
सनसन सनसन पुरुआ डोले, रिमझिम बरसे सावन।
हरियाली आच्छादित धरती, लागे सुंदर पावन।
याद सतावे हरपल तहरो, मनवा नाहीं लागे-
घर आजा परदेसी बालम, मौसम बा मनभावन।
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’
सनसन सनसन पुरुआ डोले, रिमझिम बरसे सावन।
हरियाली आच्छादित धरती, लागे सुंदर पावन।
याद सतावे हरपल तहरो, मनवा नाहीं लागे-
घर आजा परदेसी बालम, मौसम बा मनभावन।
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’