मौसम बदला बदला सा
* मौसम बदला-बदला सा *
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मौसम है बदला – बदला सा,
बादल भी पगला-पगला सा।
सीधे मुँह बातें कब होती,
साजन है झगड़ा-झगड़ा सा।
लगती प्यारी आभा तेरी,
मुखड़ा भी रगड़ा-रगड़ा सा।
कोई तो आने वाला है,
आंगन है चमका-चमका सा।
मनसीरत छाया अंधेरा,
दीपक है बुझता-बुझता सा।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)