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18 Apr 2021 · 1 min read

मौसमी खाँसी जुखाम और बुखार

मौसमी खाँसी जुखाम और बुखार
**************************

मौसमी खाँसी, जुखाम , बुखार है,
लगने लगे जैसे कोरोना प्रहार है।

कितनी बदली समय की बेला है,
लगता हर बन्दा हो गया बीमार है।

सामने वाला अगर खाँसता हो,
दो गज दूरी की उस से गुहार है।

कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाए,
लगे जैसे खुदा की अंतिम पुकार है।

दसवीं, बारहवीं मुफ्त में है करवाई,
तेरहवीं सोच चढ़ा डर का खुमार है।

पढ़ाई,कमाई में कोरोना अवरोधक,
नेता की रैलियों में खिली बहार है।

यह सोच कर मनसीरत परेशान है,
आज संक्रमित संस्कार विचार है।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
234 Views
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