मौला
यह जहाँ है रहम तेरे मौला
हर करम हाथ हो तेरे मौला
चाँद चाँदनी को गगन देखे
तब दमकती अदा रहे मौला
शीश आगे तेरे झुकाए हम
जन्म तूने दिया हमें मौला
जिन्दगी बख्श दी हमें यह जो
डोर मेरी बांध रखे मौला
भाव मय हो गलत न कर बैठे
याद तुझको सदा करे मौला
हर करम की सदा सजा दे तू
इसलिए हम संभल चले मौला
अन्न जल सब तिरा दिया हमको
हम वक्त सजदे में झुके मौला