मौन
शीर्षक: मौन
अजीब सा शोर करता रहता है ये मौन ,
कई विवादास्पद परिस्थिति का साक्ष्य है ये मौन,
यू तो कमी नहीं है शब्दों की
फिर भी कई प्रश्नो का उत्तर है ये मौन।
अनगिनत समस्याओं समाधान है ये मौन,
बेवजह सी युद्ध पर विराम है ये मौन,
जब मन पर कोई बोझ बढ़ने लगे,
तब अपनी गलती को स्वीकार करता है ये मौन।
पापियों के साहस को बढ़ाता है मौन,
निर्दोष को भी दण्डित करवा सकता है ये मौन।
उचित स्थान पर शब्द न निकले,
तो कायरता बन जाता है ये मौन,
बाहर से झील की तरह शांत दिखता मौन,
भीतर से सागर सा आलोड़न रखता मौन,
सफलता के लिए धीरज धरने का,
पाठ पढ़ाता पर्वत सा धर्य वान मौन ।
कभी संबंधो में दूरी लाता रहता है ये मौन,
कहीं अपनों की पहचान कराता है ये मौन,
यूं तो शब्द बहुत है शब्दकोश में,
फिर भी भावों को बेहतर समझाता है ये मौन।
लक्ष्मी वर्मा “प्रतीक्षा”
खरियार रोड़, ओड़िशा