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12 May 2024 · 1 min read

“” *मौन अधर* “”

“” मौन अधर “”
**************

मौन अधर
देखके तेरे
नयनों ने नयनों से,
कह डाला सभी कुछ !
रही ना कुछ भी कहने सुनने की,
अब अधरों को यहाँ पे जरुरत…..,
और समझ गए हम सभी कुछ !! 1 !!

मौन अधर
सजल आँखें
दरम्यान रहा नहीं कुछ,
और कह चुकीं ये सभी दास्ताँ !
बस कुछ ना कहें ये अधर यहाँ पे…..,
अब है तुम्हीं को तुम्हारा वास्ता !! 2 !!

मौन अधर
अंतस देखें
जानें मन को मन,
और चलें पढ़ते मौन भाषा !
जो व्यथा कह ना पाएं कभी ये शब्द…,
उनसे अच्छा है यहाँ मौन बनें ही रहना !! 3 !!

मौन अधर
अमर साधना
चले मिलाए परमेश्वर से,
और गुरु शिष्य का कराए अद्भुत मिलन !
आओ, इसे अपने जीवन में उतारलें…..,
और प्राप्त करलें, सुख शांति प्रेम सुकून !! 4 !!

¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥

सुनीलानंद
रविवार,
12 मई, 2024
जयपुर
राजस्थान |

Language: Hindi
1 Like · 76 Views
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