मौत से डर या अपनों से डर
मौत से डर या अपनों से डर
हम सब कितना डरते है ना
जिस इंसान से जितना प्यार करते हैं
जिसके बिना जी नहीं सकते थे….
आज जब वो इंसान मर जाता है
तो हम उसका सामान तक नहीं रखते…
ऐसा व्यवहार करते हैं कि
वो अपने सामान में घुस जाएगा
हम उस कमरे मे भी नहीं जाते
कहि वो वापस न आ जाये
इतना डर……😢😢😢😢😢
आज भी मुझे याद है वो मनहूस दिन
जिस दिन मेरी माँ आखिर सांस ले रही थी
मैं खुद सोच रही थी
कि माँ ठीक हो जाओ
मगर जब उनकी सांस चली गई तो
मुझे उनसे डर लगने लगा
आज जब उन्हें गए 7 साल हो गए तब उन्हें याद करते ही
मेरी आँखों से आंसू ही
नही रुकते..