मौत को बुलाने वाले
मौत को बुलाने वाले
वो तो कभी भी आ सकती है
कभी सड़क पर, कभी घर में,
कभी प्लेन में, तो कभी दूकान में
मर जाना तो आसान है,
पीछा छोड़ता नहीं जहान है
किस बात का पता नहीं मर्ज रह जाये
क्या पता उस वक्त कौन सा कर्ज रह जाये !!
जिन्दगी अनमोल है, फिर न मिल सकेगी
दुनिया की शानो शौक़त फिर से न मिल सकेगी
तून चमकता हुआ इक सितारा बन कर
अपनी रौशनी से रोशन जहान कर ,
यह जिन्दगी फिर दोबारा न मिल सकेगी !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ