स्वागत नव प्रभात का
जीवन की राहों में चलती रहो , अनवरत तुम।
सुख-दुख में समभाव रख, जीती रहो तुम।।
गणित है जीवन का ,आवक जावक बराबर हो।
संचय करना है तो करो ज्ञान का , ज्ञान सुधा का अमृत पियो।।
लाभ ही लाभ के पीछे कभी न जाना
हानि हो तो कभी न पछताना।।
जीवन का गणित है समाधान में सुख खोजो।
सुविधा से सुख नहीं मिलेगा जीवन में संघर्ष करो।
दिन की ढलती बेला हो तुम
स्वागत करती नव प्रभात का ।।
संघर्षों की आराधक बनकर
स्वागत करो नवप्रभात का ।।