मौत का उत्सव
सबकी मौत पर होता हैं ये
मौत उत्सव…
जी हाँ सच मे
मौत का उत्सव…..!
किसी को भी उस दिन
नही देना होता कोई निमंत्रण
सब सुन चले आते
कोई मतभेद नही दिल मे
रह जाता बस होता
मौत का उत्सव..!!
कोई गिला शिकवा नही
रहता किसी को उस
जाने वाले से
तमाम मतभेद भूला
कंधा देने आते हैं
बिना किसी के आमंत्रण क्योंकि ये
मौत का उत्सव…!!!
सब बात करते हैं ये अच्छी
आत्मा थी पर जाने के बाद
कमबख्त क्यो जाने के
बाद ही अच्छाई दिखती हैं
और अच्छा बोल बस
छोड़ आते हैं वो ही श्मशान
मौत का उत्सव…!!!!
कब किसकी यारी
मौत से यहां
आज नही तो कल
हमारी भी बारी हैं
सबके चलने की यहां
तैयारी हैं क्योंकि यहां
मौत का उत्सव…!!!!
चलना सभी को हैं
जीवन डगर कठिन है
पर चलकर खुद ही
पूरी करनी हैं क्योंकि ये
अगले जन्म की ही तैयारी हैं
ये ही तो है
मौत का उत्सव…!!!!!