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22 Feb 2024 · 1 min read

*मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो (हास्य मुक

मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो (हास्य मुक्तक)
_________________________
कितने ही पापड़ बेले तब, मानपत्र साभार मिला
जब छीना अधिकार समझकर, तब फूलों का हार मिला
मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो
मिला आज तक हर अभिनंदन, सबको इसी प्रकार मिला
————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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