मोह की समाप्ति भय का अंत है,
मोह की समाप्ति भय का अंत है,
जब न कुछ पाने का मोह रहे,
तो न कुछ खोने का मोह भी रहता है।
स्वतंत्रता की यह मीठी राह,
हमको आत्मा की गहराई से जोड़े रहती है।
न किसी के खोने का डर,
न किसी की पाने की आस।
यह शांति का पैगाम लाती है,
मन की सच्चाई से मिलाती है।
जिसे भी मिल जाए यह समझ,
वह सब दुखों से मुक्त हो जाता है।
आत्मा की इस गहराई को समझे,
वह जीवन की हर कठिनाई को पार कर जाता है।