मोहि मन भावै, स्नेह की बोली,
मोहि मन भावै, स्नेह की बोली,
सखी री! देखो आई होली।
गोरी की रंग, रेशमी चोली,
लाल कपोल, मीठी बोली,
कोयल गान अति प्रिय लागै,
गली-गली हुड़दंग मचावै टोली,
सखी री! देखो आई होली।1
राकेश चौरसिया