मोहर तुहरे पास रही
मोहर तुहरे पास रही…….
एहर तोहरे पास रही और वोहर तुहरे पास रही।
वोटवा हमहि के दिहा भैया, हमरे से तोहर आस रही।
हम परधान माने तूँ परधान इहे मन मे बस रखिहा तूँ,
हम जोगी बन के फिरब गावें भर ,और मोहर तुहरे पास रही।
तुहके इतना लाभ दिआइब की तूँ लाभे से पट जइबा।
घोर नुकसान करइबा आपन जे दूसरे प्रत्याशी से सट जइबा।
हमहि के चुनिहा ये मोर भैया, ई धरोहर हमरे पास रही।
हम जोगी बन के फिरब गावें भर ,और मोहर तुहरे पास रही।
चम्म चम्म सड़क चमकी ,और जगमगात सगरी रात रही।
पानी रस्ता भर तनिक न लउकी ,चाहे केतनो बरसात रही।
हमार बखान गावें भर करबा ,जौहर तुहरे पास रही।
हम जोगी बन के फिरब गावें भर, और मोहर तुहरे पास रही।
-पांडेय सिद्धार्थ