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12 Sep 2018 · 1 min read

मोहब्बत

मुझे मोहब्बत का सिला नहीं मिला
जिसे चाहा वो दिलबर नहीं मिला

आंसुओं से भर गई जिंदगी मेरी
कोई आंसू पोंछने वाला नहीं मिला

जी जान से चाहा था जिसे
उसने हमेशा हंस कर टाल दिया

कब समझेगी वो मेरी मोहब्बत को
उसने कभी दिलासा भी न दिया

एक दिन पहुंचेगी दिल की आवाज उस तक
जिंदगी ने यह भरोसा मुझे हर बार दिया

-विवेक श्रीवास्तव
94254 67097

310 Views
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