मोहब्बत
मुझे मोहब्बत का सिला नहीं मिला
जिसे चाहा वो दिलबर नहीं मिला
आंसुओं से भर गई जिंदगी मेरी
कोई आंसू पोंछने वाला नहीं मिला
जी जान से चाहा था जिसे
उसने हमेशा हंस कर टाल दिया
कब समझेगी वो मेरी मोहब्बत को
उसने कभी दिलासा भी न दिया
एक दिन पहुंचेगी दिल की आवाज उस तक
जिंदगी ने यह भरोसा मुझे हर बार दिया
-विवेक श्रीवास्तव
94254 67097