मोहब्बत
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
नाम मेरा भी लिया जाने लगा गुनाहगारों में।
तेरा मुजरिम ही सही दिल में छुपा रखा था।
फिर भी ज़ालिमों ने चुनवा दिया दीवारों में ।
हम बज़ाहत भी तेरे इश्क़ की देंगे लेकिन।
नाम मेरा फिर भी गिना जाएगा गद्दारों में।
कत्ल करके मेरे अरमानों का सौदा किया।
मेरी ही तस्वीर को छाप डाला है अखबारो में ।
छोड़कर तेरी दुनिया को इतनी दूर चली जाऊंगी।
बैठकर फिर रोते रहना अकेले ही मेरे मजारों में।।
Phool gufran