मोहब्बत
कबसे कहने की हिम्मत जुटा रहा हूं कि मोहब्बत है तुमसे….
जाने ऐसा क्या हुआ कि, दिल ने कहा आज कह ही डालू…..
जो किताब के पन्नों से सफेदी तुम्हारे चेहरे पर चमकती है, दिल रुक सा जाता है…..
जब हसी की एक ठंडी लहर मेरे कानों तक आती है, वक़्त थम सा जाता है….
जाने ऐसा क्या हुआ, दिल ने कहा आज कह ही डालू कितनी मोहब्बत है तुमसे……