मोहब्बत है मुझे
जिंदगी तुझसे शिकायत है मुझे l
चंद खुशियों की जरूरत है मुझे l
कैसा बादल है बरसता ही नहीं,
प्यार की बूंद की चाहत है मुझे l
दिल की धड़कन भी उनसे कहती है,
पास आने की इजाजत है मुझे l
मैं जमाने की तरफ क्या देखूं ,
उनकी सूरत ही तो जन्नत है मुझे l
हसरतों के गुलाब खिलते हैं ,
इन बगीचों की जरूरत है मुझे l
कब तलक ‘दीप’ को सताओगे
हंस के कह दो कि मोहब्बत है मुझे l
© रचनाकार डॉ.दीप्ति गौड़ ‘दीप’