*!* मोहब्बत पेड़ों से *!*
कर लो दो पल की, मोहब्बत मोहक पेड़ों से
बच जायेंगे हम सभी, नेचर (Nature) थपेड़ों से
कर लो दो पल……..
1) पेड़ हैं तो हम सभी यहां, जिंदा रह सकते
पेड़ ना रहे तो जीवन, हम नहीं जी सकते
पेड़ों से ही दूर रहें, ब्रह्मांड बखेड़ों से
कर लो दो पल……..
2) पेड़ों की सुंदरता ही, मानव जीवन आधार
पेड़ों से ही बसा धरा पर, जीवो का संसार
पेड़ न रहे हम मरें, कीड़े – मकोड़ों से
कर लो दो पल…….
3) पेड़ों से भोजन मिलता , मिले फल सब्जी का प्यार
पेड़ ना रहें जीवन जीना, हो जाए धिक्कार
बिन पेड़ों के बचें नहीं, बेमौंत कोड़ों से
कर लो दो पल……
लेखक:- खैमसिंह सैनी
भरतपुर, राजस्थान
मो.न. 9267034599