मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है।
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है,
दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है।
बातों की चाहतें जगती हैं, और खामोशियाँ बेमक़सद छा जाती है,
भरी महफ़िल की धोखेबाज़ियाँ, तन्हाईयों से आशिक़ी सिखाती है।
चाँद का सुरूर चढ़ता है, और रात गर्दिशों में ज़हन को भटकाती है,
मंज़िलों की झलक दिखा कर, सफ़र क़दमों से राहें तक चुराती हैं।
बादलों की जो अठखेलियां हैं, वो कहाँ बंजरों के काम आती हैं,
ये बारिशें भी तभी होती हैं, जब यादों से आँखें मेरी भर जाती हैं।
आहटें क़दमों की गूंजती हैं, और सूने रास्तों में मुलाक़ातों की उम्मीदें जगाती हैं,
एहसास की साझेदारियां, तेरे बिना जीने का सबक दे जाती है।
लक़ीरों की गर्माहट ठगती है, और हाथों में तेरा हाथ रख कर दिखाती है,
नसीब की आंधियां यूँ चलती हैं, की साँसों से तेरी खुशबू भी छीन जाती है।
निशानियां मोहब्बत की साहिलों पर, बस तेरा नाम लिखती रह जाती है,
लहरों की सदायें उठती हैं, और तेरे नाम को समंदर कर दिखाती है।
इंतज़ार की घड़ियाँ बीतती तो हैं, पर वक़्त को धीमा कर जाती है,
अगले जन्म में तुझसे मिलने की, ये आस कुछ यूँ तड़पाती है।