Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

मोहब्बत के तराने

*जीवन की दौड़ में मोहब्बत वो दवा है
जो हर रिश्ते पर मरहम लगा उसको सवाँरती है ।
मोहब्बत ही तो हर मनुष्य का वास्तविक स्वभाव है*

*कुछ गीत सुहाने गुनगुनाऊंगीं
हर जुबां पर मोहब्बत की अदा
रख जाऊंगी*…

*सपने सुहाने गुनगुनाऊंगीं
मोहब्बत के तराने सुनाऊँगी
अब बात होगी बस मोहब्बत की
मोहब्बत जिद्द है हमारी
मोहब्बत से,नफरतों की झाड़ियां कटवाऊंगीं*

*मेरे जाने के बाद लोग याद करेंगें मुझे
मरने से पहले मोहब्बतों के मकाम छोड़ जाऊंगी
कुछ अच्छे कामों के निशान छोड़ जाऊंगी
चालाकियों के दौर में, सरलता की तरलता छोड़ जाऊंगीं*
*आग की तपिश में ठंडक के मीठे शब्द छोड़ जाऊंगी

Language: Hindi
72 Views
Books from Ritu Asooja
View all

You may also like these posts

सच
सच
Sanjeev Kumar mishra
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
Sushila joshi
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
नूरफातिमा खातून नूरी
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहे
दोहे
manjula chauhan
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
Dr. Upasana Pandey
"मौन कविता "
DrLakshman Jha Parimal
हारा हूँ कई बार, फिसला हूँ राहों में,
हारा हूँ कई बार, फिसला हूँ राहों में,
पूर्वार्थ
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
समझाए काल
समझाए काल
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
देश आपका जिम्मेदारी आपकी
Sanjay ' शून्य'
*न्याय दिलाओ*
*न्याय दिलाओ*
Madhu Shah
कौन हो तुम मेरे?
कौन हो तुम मेरे?
Jyoti Roshni
बाजारवाद
बाजारवाद
Punam Pande
कैलेंडर फिर बदल जाएगा
कैलेंडर फिर बदल जाएगा
Dheerja Sharma
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
आत्मावलोकन
आत्मावलोकन
*प्रणय*
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
Neeraj Agarwal
हे राम! तुम्हें शिरसा प्रणाम
हे राम! तुम्हें शिरसा प्रणाम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
देख वसीयत बिटिया खड़ी मुसकाय
देख वसीयत बिटिया खड़ी मुसकाय
पं अंजू पांडेय अश्रु
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
*तन्हाँ तन्हाँ  मन भटकता है*
*तन्हाँ तन्हाँ मन भटकता है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*रामपुर की दिवंगत विभूति*
*रामपुर की दिवंगत विभूति*
Ravi Prakash
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sonu sugandh
प्रकृति की ओर
प्रकृति की ओर
Dr. Kishan tandon kranti
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दर्पण
दर्पण
Sanjay Narayan
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
Harminder Kaur
नहीं अन्न और जल होगा
नहीं अन्न और जल होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...