मोहब्बत का देवदूत
आप का ही प्यार मेरी जिंदगी मे ।
आपका ही बस खुमार है ।
ये आसमां की चांदनी भी तेरे आगे बेकार है ।
कुछ भी नही है तुझसे ।
फिर भी न जाने तुझसे मिलने को क्यो ।
मेरा दिल बेकरार है ।
बिजली न गिरा दे वो मुझपे ।
ये कैसा निकलता नूर का ।
इनके अंदर सुरूर है ।
आपके नजरो मे हमको दिख रहा ।
शरारे का चढता कुसूर है ।
दिन -शाम होकर भले ढले ।
पर ढलता न तेरे अफसानो का कभी गुरूर है ।
पागल न हो जाए मेरा मन ।
मुझे तो तेरी तरफ खिंच रहा ।
तुझमो कुछ बात जुरूर है ।
अश्क आंखो का भी है लगता ।
होठो से टपकती तेरी मधुशाला की बूंद है ।
दूर-दूर रह कर लगे जैसे तेरे करीब है ।
ये जरूर कोई चश्मेबस्तूर है ।
नही तो ऐसे कोई खींचा न करता अपनी तरफ ।
ये जुरूर कोई मोहब्बत का देवदूत है ।
शायर :- Rj Anand Prajapati