मोहब्बत का तोफा लेकर
मोहब्बत का तोफा लेकर,
तेरे चौखट पर खड़ा हूं,
बस कुछ देर निहारे,
चला जाऊंगा…….
आशियाना तो बस चुका,
मेरा गम को मेरा सलाम,
बस सलामत का दुआ कर,
चला जाऊंगा…….
हकीकत से रूबरू हो कर,
तेरे यादों को लेकर ,
बस जख्म को खुरदे,
चला जाऊंगा…….
परेशान मत हो जाना,
मेरे पैर को निशान से,
बस आशु को छिपाए,
चला जाऊंगा…….