मोहब्बत उसे भी है हमसे !
मोहब्बत उसे भी है हमसे,
ये ख़ुद को बता रहे है हम,
हर दिन एक झूठा यक़ीन,
खुद को दिला रहे है हम,
मोहब्बत उसे भी है,
ये ख़ुद को बता रहे है हम ।
आने को है वो मेरे दिल में,
ये रास्ते फूलों से सजा रहे है हम
बेताब वो भी है मुझें आग़ोश में लेने को,
ये सोच बाहें फैला रहे है हम,
मोहब्बत उसे भी है,
ये ख़ुद को बता रहे है हम ।
मेरे आँशु देख वो खुद को गुनाहगार ना समझे,
इस वज़ह से अपने आँशु छुपा रहे है हम,
क़ातिल मेरे इश्क़ का,
कह ना दे ये दुनियां उसको,
इस वज़ह से ख़ुद को मुज़रिम बता रहे है हम,
मोहब्बत उसे भी है,
ये ख़ुद को बता रहे है हम ।
दीपक ‘पटेल’