Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2016 · 1 min read

मोहबत है तुम से/मंदीप

मोहबत है कितनी तुम से/मंदीप

आँखो से आँखे एक बार मिलाने दीजिये,
महखाने में अपने हाथो से दो जाम पिला तो दिजिये।

यु ना देखो गुर कर हमे,
एक बार मुस्कुरा दीजिये।

महोबत है कितनी तुम से,
एक बार बया तो करने दीजिये।

कुर्बान मेरा सब कुछ तुम पर,
एक बार हमारा साथ तो दीजिये।

मुसाफिर बन कर बैठा हूँ तेरी राह में,
एक बार दीदार तो करने दीजिये।

कह दो झूठा ही “मंदीप”मोहबात है तुम से,
उस को इसी भृम में जीने दीजिय।

मंदीपसाई

396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*सुबह-सुबह गायों को दुहकर, पात्रों में दूध समाया है (राधेश्य
*सुबह-सुबह गायों को दुहकर, पात्रों में दूध समाया है (राधेश्य
Ravi Prakash
*मेरी गुड़िया सबसे प्यारी*
*मेरी गुड़िया सबसे प्यारी*
Dushyant Kumar
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
उनको ही लाजवाब लिक्खा है
उनको ही लाजवाब लिक्खा है
अरशद रसूल बदायूंनी
बाल कविता : काले बादल
बाल कविता : काले बादल
Rajesh Kumar Arjun
व्रत
व्रत
sheema anmol
ऊंची इमारतों में रहने वाले
ऊंची इमारतों में रहने वाले
Chitra Bisht
गांव सदाबहार
गांव सदाबहार
C S Santoshi
"मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आपके
आपके "लाइक्स"
*प्रणय*
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
2859.*पूर्णिका*
2859.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महफिलों का दौर चलने दो हर पल
महफिलों का दौर चलने दो हर पल
VINOD CHAUHAN
वो मुझे प्यार नही करता
वो मुझे प्यार नही करता
Swami Ganganiya
#नारी तू नारायणी
#नारी तू नारायणी
Radheshyam Khatik
अडिग हौसला
अडिग हौसला
Sunil Maheshwari
सब लिखते हैं
सब लिखते हैं
Saumyakashi
बरसात
बरसात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
Ashwini sharma
मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए: कविता (आज की दौर की लड़कियों को समर्पित)
मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए: कविता (आज की दौर की लड़कियों को समर्पित)
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मौत नर्तन कर रही सर पर मेरे....
मौत नर्तन कर रही सर पर मेरे....
दीपक झा रुद्रा
*नियति*
*नियति*
Harminder Kaur
कुछ कम भी नही मेरे पास
कुछ कम भी नही मेरे पास
पूर्वार्थ
ग़म के सागर में
ग़म के सागर में
SATPAL CHAUHAN
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
Neelofar Khan
Loading...