मोहन सबका प्यारा था
मोहन सबका प्यारा था
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(1)
पुतलीबाई ने जन्म दिया ,
करमचंद ने पाला था ।
सीधा-साधा,भोला-भाला,
मोहन सबका प्यारा था।
(2)
बिन हथियार लड़े थे ओ,
सत्य अहिंसा के पुजारी थे ।
सरल ह्रदय के बापू को,
निष्ठुर भी पिघल जाते थे ।
(3)
सच्चाई को जिसने चुना,
प्रेम को जो अपनाए थे।
मानव पर उपकार किए,
भारत के जो दुलारे थे ।
(4)
सन्यासी का वस्त्र पहनकर ,
स्वच्छ जीवन बिताया था ।
अंग्रेजों से बदला लेकर ,
भारत को आजाद कराया था।
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रचनाकार – डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
मिडिल स्कूल पुरुषोत्तमपुर,बसना
जिला महासमुंद (छ.ग.)
मो. 8120587822