मोर मुकुट संग होली
बिषय -मोर मुकुट संग होली
मै तो खेलू मोर मुकुट संग होली
चाहें भीगें मेरी चुनरी
चाहें भीगें मोरी चोली
मै तो खेलू मोर मुकुट संग होली
चाहें जग छूटे
चाहे रव रूठे
बस चलती रहे
अपनी आँख मिचौली
मै तो खेलू मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट धरे
हाथ मे मुरली
सूरत है जाकी भोली
मै तो खेलू मोर मुकुट संग होली
जमुना तट पर मुरली बजाए
पनघट पर वो हमको सताए
घर मे करे वो माखन चोरी
मै तो खेलू मोर मुकुट संग होली
***दिनेश कुमार गंगवार ***