*मोर पंख* ( 12 of 25 )
मोर पंख
मेरी डायरी में
एक मोर पंख भी है ,
यादों में थिरकता ,
झूमता गाता एक
प्यारा सा , छोटा मोर पंख ,
डायरी ही नहीं ,
उसका एक घर
मेरे दिल में भी हैं
जब भी देखुं
वो नाच उठता हैं
अरमानों की तरह….
– क्षमा ऊर्मिला