मोबाइल
मोबाइल में है भरा ,मनोकामना मंत्र।
जब चाहो आदेश दो, खुल जायेगा यंत्र।। १
लगा एक टक फोन पर, बचपन बैठा मौन।
मात पिता भी व्यस्त हैं, इसे बचाये कौन ।। २
खेल कूद को छोड़ कर, लिए फोन को थाम।
लगा ध्यान स्क्रीन पर, पढ़ने से क्या काम।। ३
मोबाइल की लत लगी, बहुत बुरा परिणाम।
बच्चे बैठे छोड़ कर,अपने सारे काम।।४
बेकाबू बचपन हुआ,पकड़ लिया है फोन।
अब इनको मिलने लगा,एक सेल्फिश जोन।।५
मोबाइल माता पिता,और बना है मित्र।
फोटो अपना खींचते, मुँह को बना विचित्र।। ६
दिन भर चैटिंग हो रहा,वाट्सैप के संग।
मोबाइल पर कर रहा,अब बचपन हुड़दंग।।७
मोबाइल तो बन गया, सबसे घातक रोग।
सोच समझ कर कीजिये, अब इसका उपयोग।। ८
लाइलाज बीमारियां,देता अधिक प्रयोग।
मोटापा सबसे बुरा,परेशान हैं लोग।। ९
खराब करने में लगे,आँख,मगज,मति, कान।
किसी चीज़ की अति बुरी,मानव इतना जान।।१०
मोबाइल की रोशनी,आँखें लीं हैं छीन।
पड़े-पड़े खाते सभी,है बचपन गतिहीन।। ११
खत्म हुई मासूमियत, खत्म हुए हैं खेल।
घर के अंदर बंद हैं, नहीं किसी से मेल।।१२
मोबाइल पर है नयन,और नहीं कुछ काम।
दिशा हीन बचपन हुआ, साँस गईं हैं थाम।। १३
कैसे ये बचपन भरे, ऊँची नई उड़ान।
मोबाइल में झोक दी,अपनी सारी जान। १४
दिन भर मोबाइल लिए,करते क्षुब्ध दिमाग।
सबकुछ तेरा जा रहा, अब तो मानव जाग।। १५
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली