भगिनी निवेदिता
भगिनी निवेदिता
वन्दन नाम निवेदिता,वन्दन कर्म अपार।
वन्दन भारत भूमि को, दिया स्नेह संसार।।
सुता शारदा मात की, गुरु विवेकानन्द।
जलता दीपक ज्ञान का, किया कलुष को मन्द।।
परदेशी परभावती , अपनेपन की खान।
करुणामयी ममतामई, दिया दीन को मान।।
सेवा की संकल्पना , शिक्षा की आधार।
शक्ति स्वरूपा साधिका, दिया जगत को प्यार।।
भारत माँ की लाड़ली, देशभक्ति की आन।
सेनानी सहयोगिनी , दिया देश को मान।।
ज्ञान और विज्ञान में, राजनीति में योग।
कला शिल्प साहित्य में, किया बहुत सहयोग।।
नारी शिक्षा के लिए , अनथक किये प्रयास।
तेरी बगिया में सदा , सुरभित ज्ञान सुवास।।
भारत भूमि को किया , अर्पण तन मन ध्यान।
करनी कथनी एक सी , देश करे अभिमान।।
विश्व पटल पर लिख दिया,भारत माँ का नाम।
भारत प्रेमी बहन को , कोटि- कोटि परणाम।।
विमला महरिया “मौज”