मोदी के मन की बात –आर के रस्तोगी
तुम इंगलिश पढ़ी लिखी हो
मैं तो हिंदी भी भूल चुका हूँ
तुम पढ़ कर भाषण देतो हो
मैं इस कला को भूल चुका प्रिये
तुम बुलेट ट्रेन जापान की
मै छुक छुक रेल भारत की
तुम्हारी स्पीड कोंई सीमा नहीं
मैं रुक रुक कर चलता हूँ प्रिये
तुम मायवती सी विश्व सुन्दरी
मै गुजराती बुढ्ढा खलनायक हूँ
कर्नाटक के गठबंधन पर तो
मेरा तेरा बैर हो गया प्रिये
तुम कांग्रेस के कारण हो
मै चाय वाले के कारण हूँ
मैं मंदिर का कर्ण क्रूर कंदन हूँ
तुम मस्जिद की मधुर अजान प्रिये
तुम त्याग की असली मूर्ति
मैं तो सत्ता का लालची हूँ
तुम नाम का PM बनाती हो
तुम सरकार चलाती हो प्रिये
तुम लालू जैसी पशु प्रेमी
निर्दोष टूजी सीजी बोफोर्स
तुम चिदम्बरम सी ईमानदार
मुझसा न कोई भ्रष्टाचारी प्रिये
तुम मासूम पत्थरबाज सी हो
मै कितना क्रूर सीमा सैनिक हूँ
तुम स्विस बैंक का स्ट्रांगरूम हो
मै नोट बंदी का दुश्मन प्रिये
तुम पीड़ित निरीह रोहिग्या हो
मैं कश्मीरी पंडित आंतकवादी हूँ
मै रिफूजी के काबिल हूँ देश में
तुम सारे भारत के हकदार प्रिये
तुम भारत की गौरव जिन्ना हो
मै भगत सिंह आंतकवादी हूँ
भारत की आजादी के तमगे पर
पूरा अधिकार है अब तुझे
तुम वेटिवन का प्रेम पत्र हो
तुम ही देवबंद का फतवा हो
मैं खमोशी संत महंतो की
और मिथ्या गीता सार प्रिये
आर के रस्तोगी