मोक्ष और प्रेम
मैंने हमेशा मोक्ष की कामना की
इससे अनभिज्ञ होते हुए भी
कि मोक्ष क्या होता है?
लोगों से सुना था
और किताबों में पढ़ा था
मोक्ष का अर्थ होता है-
जीवन-मरण के आवागमन से मुक्ति;
मैं मोक्ष प्राप्ति के लिए बैठ गया
वटवृक्ष के नीचे
बुद्ध सा ध्यान लगाकर
फ़िर मुझको अचानक याद आया
तुम्हारा प्रेम
जिसमें मैंने तुम्हारे साथ
सात जन्मों तक
साथ रहने का प्रण लिया था
अब, मैं द्वंद्व की स्थिति में हूँ
मोक्ष प्राप्त करूँ
या तुम्हारा प्रेम,
मैं बुद्ध की तरह (यशोधरा को)
तुम्हें अकेला छोड़कर
मोक्ष प्राप्त नही कर सकता।