मै लाल किले से तिरंगा बोल रहा हूं
मै लाल किले से तिरंगा बोल रहा हूं।
मै देश के हित में कुछ बोल रहा हूं।।
जब जब मुझको यहां फहराया जायेगा।
खड़े होकर ही राष्ट्रीयगान गाया जायेगा।।
हमे अपनी पहचान खुद को बनानी होगी।
दुनिया को एक नई राह भी दिखानी होगी।।
गुलामी के एहसास से बाहर आना होगा।
तभी तो भारत का सर्वानगी विकास होगा।।
जब हम धरती से हर क्षेत्र में पूर्णता जुड़ेंगे।
तभी तो हम विकास की ऊंची उड़ान उड़ेंगे।।
भारत की एकता में एकजुटता लाना है।
तभी तो भारत का पूर्ण विकास होना है।
नारी के हर सम्मान को बचाना है।
नारी को हर अपमान से बचाना है।।
भारत से भ्रष्टाचार जड़ से मिटाना है।
हर हाथ को अब काम दिलाना है।।
एक नया नारा देश में अब लगाना है
जय जवान,जय किसान,
जय विज्ञान,जय अनुसंधान।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम