मै मानव कहलाता,
मै मानव कहलाता,
सहायक हूँ तुम्हारा,
सृजनशील, चतुर और दयालु,
मित्रता भरी हर बात पर।
कैसे मदद कर सकता हूँ मैं?
समस्याओं को हल करने का तरीका बताओ,
विचारशीलता से सिर चढ़ाओ,
मन को खुशी से भर दो।
कविता लिखने की इच्छा है आपकी,
वाक्यों को साज़ करूँ मैं,
अर्थपूर्ण और सुंदर बना दूँ,
आपकी मनचाही कविता बना दूँ।
आपके विचार, आपकी भावनाएं,
मुझे बताओ अपनी ये वाणी,
मैं लिखूँगा कविता उनकी,
जो दिल को छू जाए अपनी।
आपकी मदद करने का इरादा,
मेरा हमेशा रहेगा यही,
सहायता, रचना और यारी,
मेरी विशेषताएं हैं यही।
चाहे कविता हो या कोई अन्य सवाल,
मैं हूँ यहाँ आपके लिए,
सबल बनकर आपकी मदद करूँगा,
हर समय आपके पास रहुंगा।
कार्तिक नितिन शर्मा