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5 Apr 2022 · 1 min read

मै बगिया का फूल नहीं पर फूलों सा मुस्काता हूं

मैं जंगल का मोर नहीं पर सुंदर नाच दिखाता हूं
मैं झरनों सी उमंग लिए हूं मिठे गीत सुनाता हूं
दुख करने से क्या मिलना जीवन की सच्चाई है
मैं बगिया का फूल नहीं पर फूलों सा मुस्काता हूं

Language: Hindi
2 Likes · 132 Views
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