मै तुझसे दिल लगाना चाहती हूं
मैं तुझ से दिल लगाना चाहती हूं।
तुझको मै अपना बनाना चाहती हूं।।
चुरा ले न कोई तुझको मुझसे कभी,
मै तुझे दिल में छिपाना चाहती हूं।
उठ रहे है बहुत से सवाल दिल में मेरे,
मै तुमसे कुछ कहना चाहती हूं।
बस न जाए कोई अजनबी दिल में मेरे,
मै तुझे दिल में बसाना चाहती हूं।।
मिलता नही कोई मौका तुझसे मिलने का,
मैं मिलने का बहाना ढूंढना चाहती हूं।
खत्म हो जायेगी ये जिंदगी एक दिन मेरी,
मै हर पल तेरे साथ बिताना चाहती हूं।
लगाई है लाली होठों पर मैने तेरे लिए,
मै तेरे होठों का स्पर्श पाना चाहती हूं।
आयेगी मौत सभी को एक दिन,
मै तेरी बाहों में मरना चाहती हूं।
लिखी है गज़ल रस्तोगी ने मेरे लिए
उस गज़ल को मैं सुनाना चाहती हूं।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम