मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
जो जाहिर है वो बातिल है।
बना लिया रिश्ता तो निभा देता हु
जो बनाया सच्ची इल्म से निभा देता हु।
किसी जूठी अना से दिल को बहलाना नही आता।
तालुक तोड़ता हु मुकम्मल तोड़ देता हु
,जिसे में छोड़ देता हु उसे में छोड़ देता हु।
यकीन रखता नही में किसी कच्चे ताल्लुक पर
,जो धागा टूटने वाला हो उसे में तोड़ देता हु।