मै क्या लिखूं
कुछ हास लिखूं परिहास लिखू
या मन के कुछ जज्बात लिखूं
अम्बर का विस्तार लिखूं
या सूरज की चमकार लिखू
रात्री का अंधकार लिखूं
या चंदा का रोमांच लिखूं
अब तुम ही कहो मै क्या लिखूं
मन का चिंतन और मनन लिखूं
या सपनो की किरचलन लिख दूं
उमड़ घुमड़ जोबरस गए
उन बादल का एहसास लिखूं
सावन का उल्लास लिखूं
या भीगे मन की प्यास लिखूं
अब तुम ही कहो मेरे प्रियवर
क्या खास लिखूं क्या खास लिखूं
कुछ हास लिखू परिहास लिखूं
या मन के कुछ जज्बात लिखूं