मै कौन हूं ?
इस भीषण गर्मी में जब , सूर्य वृषभ राशि पर हो।
तब मै काली बदली बन जाऊं आनंद मृदु की वर्षा हो ।।
सिसिर में शशि का स्वरूप जब सविता ले।
तब मै भीषण शोला बन, हृदय का खूं खोला दूं।।
मै कौन हूं ?
मैं कवि हूं, लेखक और शिक्षक भी हूं।
मै तलवार नहीं। जो काट के रक्त बहता हूं।।
अपनी कलम से हृदय के रस का रक्त बहाता हूं।
वह रस श्रृंगार, हास्य,करूण , रौद्र , वीर, भयानक है।
जब आनंद मृदु की वर्षा हो तो भीगा मन का कोना हो ।।