मै कमजोर नहीं
यदि बारिश में छतरी तान लेने,
से बारिश रुक जाती।
तो ये दुनिया कभी न इतना रुलाती।
जिद है मेरी भी ये,
इस संसार से।
हर जन्म में, मै आऊंगी बेटी,
के ही अवतार में।
लाख अर्चनें डा लो ,
मैं पीछे नहीं हटूंगी।
माना में लड़की हूं पर,
कमजोर नहीं ये कहूंगी।
क्या हुआ आज मै इस,
रिश्तों से भरे संसार में।
अकेली खड़ी हूं एक दिन रिश्ते तो क्या,
दुनिया का हर इंसान खड़ा होगा ,
मेरी एक झलक के इंतजार में।