Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2020 · 1 min read

मै एक माटी का दीपक हूँ

मै एक माटी का दीपक हूँ ,
आशा का दीप जलाता हूँ |
जहा होता है घोर अँधेरा
उस तम को दूर भगाता हूँ ||

तेल बाती को मै संग लेकर ,
अपने को स्वयं जलाता हूँ |
जो होते है दीन दुखी जग में
उनको गले सदा लगाता हूँ ||

मै दिवाली की शोभा बनकर
छत की मुंडेर पर सज जाता हूँ |
लक्ष्मी गणेश की पूजा में भी,
मै ही थाली में स्थान पाता हूँ ||

जहाँ होता है कही घोर अँधेरा ,
वहां जाकर भी दीप जलाता हूँ |
अपने घर की दिवाली छोड़ मै ,
दूसरो को दिवाली मै मनाता हूँ ||

बड़े नगरों की चकाचौंध से दूर,
मै गरीब बस्ती में बस जाता हूँ |
जो अनाथ सड़को पर बैठे है ,
उनकी रोजी रोटी बन जाता हूँ ||

कुम्हार के घर मे जन्म लेकर,
फिर भी सबके घर में जाता हूँ |
मेरी होती है हर घर आवभगत,
मै छोटा सा मेहमान बन जाता हूँ ||

मै पूजा पाठ की हर रौनक हूँ ,
मुझे ही प्रज्वलित किया जाता |
घी बाती सब साथ देते है मेरे,
मै अंत तक साथ निभाता हूँ ||

जब शाम ढले मै जल जाता हूँ,
प्रियतम की याद मै दिलाता हूँ |
जब तक प्रियतम न आये द्वार ,
प्रेयसी से प्रतिक्षा मै कराता हूँ ||

जहाँ कही कवि सम्मलेन होता ,
मुझको प्रज्वलित किया जाता है|
माँ सरस्वती की वंदना करके ही ,
तब कवि सम्मलेन शुरू होताहै ||

आर के रस्तोगी
गुरग्राम

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 400 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
"लोभ"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई गुरबत
कोई गुरबत
Dr fauzia Naseem shad
★ किताबें दीपक की★
★ किताबें दीपक की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
अपना सा नाइजीरिया
अपना सा नाइजीरिया
Shashi Mahajan
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
अब कुछ चलाकिया तो समझ आने लगी है मुझको
शेखर सिंह
मुझे फर्क पड़ता है।
मुझे फर्क पड़ता है।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
विश्वास करो
विश्वास करो
Dr. Rajeev Jain
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
ruby kumari
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
Suryakant Dwivedi
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
।। नीव ।।
।। नीव ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
गांव में फसल बिगड़ रही है,
गांव में फसल बिगड़ रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
अग्नि परीक्षा सहने की एक सीमा थी
Shweta Soni
सारी उम्र गुजर गई है
सारी उम्र गुजर गई है
VINOD CHAUHAN
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
25. *पलभर में*
25. *पलभर में*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
मौत
मौत
Harminder Kaur
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
#नारी की वेदना
#नारी की वेदना
Radheshyam Khatik
#धर्मपर्व-
#धर्मपर्व-
*प्रणय प्रभात*
छंद -रामभद्र छंद
छंद -रामभद्र छंद
Sushila joshi
2939.*पूर्णिका*
2939.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसी नदी के मुहाने पर
किसी नदी के मुहाने पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हाहाकार
हाहाकार
Dr.Pratibha Prakash
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल _ खूब मतवाली , हमारी शायरी है दोस्ती !
ग़ज़ल _ खूब मतवाली , हमारी शायरी है दोस्ती !
Neelofar Khan
Loading...