मै इंसान हूँ/मंदीप
मै इंसान हूँ/
मंदीप
मत पूछ जात मेरी मै इंसान हूँ,
मुझे इंसान ही रहने दीजिये।
ना दे मुझे शोहरत इतनी,
मुझे जमीन से ही जूड़ा रहने दीजिये।
सच को सच ही बोलू,
मुझे सच बोलने की हिम्मत तो दीजिये।
रख सकूँ सब को दिल में ,
इतना बड़ा दिल तो दीजिये।
रख सकूँ मान सब का,
एक बार खुशामदीन करने का मोका तो दीजिये।
मत देख किसी को बुरी नजर से,
सब का मान सम्मान तो कीजिये।
ना हो “मंदीप” को गुमान किसी बात का,
मै इंसान हूँ मुझे इंसान ही रहने दीजिय