मैया महर करेगी _ झोली मेरी तो भरेगी _घनाक्षरी
हलवा बनाया मैंने पूरी भी बनाई मैंने।
आई आई नवराती,मैया को मनाऊंगा।।
जलाऊं जलाऊं जोत जगराता मैं कराऊं।
पहाड़ों वाली मय्या जी के दर को जाऊंगा।।
मय्या महर करेगी झोली मेरी तो भरेगी।
भरी हुई लेकर झोली घर को आऊंगा।।
मैया के प्रसाद का स्वाद सारे जग को मैं।
घूम घूम कर के मैं सब को चखाऊंगा।।
राजेश व्यास अनुनय
?? इस पटल के एवं इस पटल को पढ़ने वाले समस्त पाठको सहित देशवासियों को शारदीय नवरात्रि पर्व की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएं??