*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)
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1)
मैया की शेर की सवारी हुई
अश्विन की धूप अति प्यारी हुई
2)
दुष्टों के अंत का समय आ गया
छवि मॉं की अस्त्र-शस्त्र धारी हुई
3)
घर-घर में गीत सब गाने लगे
दुनिया मॉं-भक्त आज सारी हुई
4)
हाथ में धनुष-बाण लेकर गदा
असुरों के वध की तैयारी हुई
5)
मारा महिष गया युद्ध लड़ा जब
बल बुद्धि शक्ति स्रोत नारी हुई
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अश्विन (क्रवार)= विक्रम संवत के एक महीने का नाम जिसमें शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451